आए हैं मेरे रघुनाथ
आए हैं मेरे रघुनाथ, आए हैं मेरे रघुनाथ
सुन भरत जब ये बात
सियां राम लखन के साथ,
साथ हनुमान भी आये
भरत मन में हर्षाये
राम जब वन से आये,
संग हनुमत को भी लाये
आए हैं मेरे रघुनाथ, आए हैं मेरे रघुनाथ
सुन भरत जब ये बात, सियां राम लखन के साथ,
साथ हनुमान भी आये, भरत मन में हर्षाये
राम जब वन से आये, संग हनुमत को भी लाये
जब सुनी राम के मुख से, महावीर की गौरव गाथा,
बजरंगी के चरणों पर, झुक गया भरत का माथा,
कहा भरत ने जोड के हाथ, धन्य हुआ दर्शन पाके,
भरत मनमे हर्षाये
राम जब वन से आये, संग हनुमत को भी लाये
आए हैं मेरे रघुनाथ, आए हैं मेरे रघुनाथ
हनुमान जो तुम न होते, तो कौन संजीवनी लाता
माँ सिया की सुध लेने को, था कौन था लंका जाता
पाताल से तुम ही नाथ, राम और लखन को लाये,
भरत मनमे हर्षाये
राम जब वन से आये संग हनुमत को भी लाये
आए हैं मेरे रघुनाथ, आए हैं मेरे रघुनाथ
श्री रामचंद्र को तुम ने, संकट से सदा उभारा,
हर जन्म में संकट मोचन, मैं रहूंगा ऋणी तुम्हारा
मुझ रहेगा हर पल याद, काम तुम राम के आये
भरत मनमे हर्षाये
राम जब वन से आये संग हनुमत को भी लाये
आए हैं मेरे रघुनाथ, आए हैं मेरे रघुनाथ
आए हैं मेरे रघुनाथ, आए हैं मेरे रघुनाथ
सुन भरत जब ये बात, सियां राम लखन के साथ,
साथ हनुमान भी आये, भरत मन में हर्षाये
राम जब वन से आये, संग हनुमत को भी लाये
आए हैं मेरे रघुनाथ, आए हैं मेरे रघुनाथ