Hai Kan Kan Me Jhanki Bhagwan Ki

है कण कण में झांकी भगवान् की।
किसी सूझ वाली आँख ने पहचान की॥
निगाह मीरा की निराली, पीली जहर की प्याली,
ऐसा गिरधर बसाया हर श्वास में।

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