Chaar Dino Ka Jeena Re Bande

  • Hindi Bhajan
  • चार दिनों का जीना रे बन्दे, गया वक्त नहीं आयेगा।
    सुमिरण कर ले तू प्रभु का, भव सागर तर जायेगा॥
    ये तन है माटी का नश्वर, माटी में मिल जायेगा।
    मुट्ठी बांधे आया था तू, हाथ पसारे जायेगा।
    धन दौलत से भरा खजाना, यहीं पड़ा रह जायेगा॥

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