Jay Jay Surnayak Jan Sukhdayak with Meaning
जय जय सुरनायक, जन सुखदायक, प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी, जय असुरारी,
सिधुंसुता प्रिय कंता॥
जय जय सुरनायक, जन सुखदायक, प्रनतपाल भगवंता। गो द्विज हितकारी, जय असुरारी,
सिधुंसुता प्रिय कंता॥
अधरं मधुरं वदनं मधुरं,
नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
अधरं मधुरं – श्री कृष्ण के होंठ मधुर हैं
वदनं मधुरं – मुख मधुर है
नयनं मधुरं – नेत्र (ऑंखें) मधुर हैं
हसितं मधुरम् – मुस्कान मधुर है
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अधरं मधुरं वदनं मधुरं,
नयनं मधुरं हसितं मधुरम्।
हृदयं मधुरं गमनं मधुरं,
मधुराधिपतेरखिलं मधुरम्॥
अधरं मधुरं – श्री कृष्ण के होंठ मधुर हैं
वदनं मधुरं – मुख मधुर है
नयनं मधुरं – नेत्र (ऑंखें) मधुर हैं
हसितं मधुरम् – मुस्कान मधुर है
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