मैं बालक, तू माता शेरावालिये
मैं बालक, तू माता शेरावालिये
है अटूट यह नाता, शेरावालिये
शेरावालिये माँ, पहाड़ा वालिये माँ
मेहरा वालिए माँ, ज्योतां वालिए माँ
मैं बालक, तू माता शेरा वालिए
है अटूट यह नाता, शेरा वालिए
तेरी ममता मिली है मुझको,
तेरा प्यार मिला है
तेरे आँचल की छाया में,
मन का फूल खिला है
तुने बुद्धि, तुने साहस,
तुने ज्ञान दिया
मस्तक ऊँचा करके जीने का
वरदान दिया माँ
तू है भाग्य विधाता, शेरा वालिए
मैं बालक तू माता शेरा वालिए
शेरावालिये माँ, पहाड़ा वालिये माँ
मेहरा वालिए माँ, ज्योतां वालिए माँ
मैं बालक, तू माता शेरा वालिए
है अटूट यह नाता, शेरा वालिए
जब से दो नयनो में
तेरी पावन ज्योत समायी
मंदिर मंदिर तेरी मूरत,
देने लगी दिखाई
ऊँचे परबत पर मैंने भी
डाल दिया है डेरा
निस दिन करे जो तेरी सेवा
मैं वो दास हूँ तेरा
रहूँ तेरे गुण गाता, शेरावालिए
मैं बालक, तू माता, शेरावालिए
शेरावालिये माँ, पहाड़ा वालिये माँ
मेहरा वालिए माँ, ज्योतां वालिए माँ
मैं बालक, तू माता शेरा वालिए
है अटूट यह नाता, शेरा वालिए
मैं बालक, तू माता शेरा वालिए
है अटूट यह नाता, शेरा वालिए
Main Balak, Tu Mata Sherawaliye
Durga Bhajan
- अम्बे तू है जगदम्बे काली - दुर्गा माँ की आरती
- या देवी सर्वभूतेषु मंत्र - दुर्गा मंत्र - अर्थ सहित
- अयि गिरिनंदिनि - महिषासुर मर्दिनी स्तोत्र
- जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी
- दुर्गा चालीसा - नमो नमो दुर्गे सुख करनी
- जगजननी जय जय माँ - अर्थसहित
- जगजननी जय जय माँ, जगजननी जय जय
- आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं
- आये तेरे भवन, देदे अपनी शरण
- भोर भई दिन चढ़ गया, मेरी अम्बे
- मन लेके आया मातारानी के भवन में
- माँ जगदम्बा की करो आरती
- आरती माँ आरती, नवदुर्गा तेरी आरती
- मंगल की सेवा सुन मेरी देवा - कालीमाता की आरती
- मात अंग चोला साजे, हर एक रंग चोला साजे
- धरती गगन में होती है, तेरी जय जयकार
- अयि गिरिनन्दिनि अर्थसहित - महिषासुरमर्दिनी स्तोत्र अर्थ सहित
- दुर्गे दुर्घट भारी तुजविण संसारी
- कभी फुर्सत हो तो जगदम्बे
- तेरे दरबार में मैया ख़ुशी मिलती है
- सच्ची है तू सच्चा तेरा दरबार
- मन तेरा मंदिर आखेँ दिया बाती
- चलो बुलावा आया है, माता ने बुलाया है
- तुने मुझे बुलाया, शेरावालिये